Monday, November 05, 2007

एक छोटी सी कहानी

वो दोनो बहुत डरे हुए थे। शायद ये उम्र का तकाजा था या पहली बार ऐसा करने का डर..लड़की ने बहुत समझाया कि नही मुझे ये नही करना। पर लड़के ने उसे अपने प्यार का वास्ता दिया। "क्या तुम मुझसे प्यार नही करती? मुझपे भरोसा नही है?" अब वो भी तैयार थी। लड़के ने उसे समझाया "बहुत मज़ा आएगा हमे और मैं भी तो हूँ न तुम्हारे साथ!"
लड़के ने पैसे दिए। दरबान ने उन दोनो को घूर के देखा। लड़की ने अपनी नजर नीचे झुका ली। अब वो दोनो भीतर आ चुके थे। लड़के ने अपनी जैकेट उतार दी। लड़की ने भी अपना दुपट्टा उतार दिया। वह पर कुछ अल्मारिया बनी थी। दोनो ने अपने कपडे उसमे रख दिए। लड़के ने लड़की से कहा " पहले तुम!" लड़की ने लड़के का हाथ पकडा और बैठ गयी। लड़का भी उसके बगल भी आकर बैठ गया। उसने अब दरवाजा बंद कर दिया। लड़की ने अपनी आँखे मूँद ली और लड़के का हाथ जोर से पकड़ लिया। उसकी साँसे ज़ोर-जोर से धड़क रही थी। उसके सांसो कि गर्मी लड़के के कंधो पर महसूस हो रही थी। लड़के ने प्यार से लड़की के माथे पर आ रही लटों को सुलझाया। और अपनी हथेली से उसके गालों को थपथपाया।
तभी जोर कि आवाज हुयी और लड़की जोर से चिल्लाई। अब वो दोनो ही बहुत डर गए थे। कभी ऊपर कभी नीचे। दोनो ने अपनी आँखे मूँद ली। लड़की ने लड़के के सीने में अपना मुह छुपा लिया। उसकी सांसे अब और जोर से धड़क रही थी। अब लड़के कि भी धड़कने तेज हो चुकी थी। अब तक वो अपने डर को छुपाने कि कोशिश में कामयाब रह था पर अब उसके चेहरे पे ऐसा कुछ पहली बार करने का डर साफ दिख रह था। या शायद हर बार ऐसा ही डर लगता।
अचानक सब कुछ शांत हो गया। लड़की ने अपनी आँखे खोली। उसने राहत की सांस ली। सब कुछ शांत हो चुका था। लड़के ने दरवाजा खोला। पहले लड़का बाहर निकला फ़िर उसने अपना हाथ बढाया और लड़की ने उसका हाथ पकड़ा। उसके हाथ अभी तक काँप रहे थे। कांपते कदमों से वो बाहर निकली । बाहर जाकर वो बोली " ख़बर दार जो आज के बाद तुम मुझे कभी रोलर कोस्टर पे झूला झूलने लाये तो?"

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